वाक्य-विचार(Syntax)
वाक्य की परिभाषा:- शब्दों का ऐसा समूह जिसका सार्थक भाव प्रकट होता है उसे वाक्य कहते हैं।
अथवा
पदों की वह व्यवस्था जिससे कोई कथन सार्थक बनता है वाक्य कहलाता है।
वाक्य के 6 गुण होते हैं:- सार्थकता, योग्यता, आकांक्षा, आसत्ति, पदक्रम, अन्वय।
- सार्थकता:- वाक्य रचना के लिए जरूरी है कि सभी पद सार्थक हों।
- योग्यता:- शब्दों में सार्थकता के साथ-साथ प्रसंग के अनुसार अर्थ देने की क्षमता भी होनी चाहिए।
- आकांक्षा:- इसका अर्थ है इच्छा अर्थात् वाक्य अपने आप में पूरा होना चाहिए। उसमें किसी ऐसे शब्द की कमी नहीं होनी चाहिए, जिसके कारण अर्थ की अभिव्यक्ति में अधूरापन लगे।
- आसत्ति:- इसका अर्थ है निकटता। वाक्य को बोलने व लिखने में निकटता होनी जरूरी है।
- पदक्रम:- वाक्य में पदों का एक सही क्रम होना चाहिए। जैसेः- ‘रोहन लिखता है कलम से’ तो वाक्य अशुद्ध होगा। ‘रोहन कलम से लिखता है।’ उचित पदक्रम है।
- अन्विति:- वाक्य में लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक, आदि का क्रिया के साथ सही मेल होना चाहिए।
वाक्य के अंग:- उद्देश्य, विधेय
- उद्देश्य:- जिसके बारे में कुछ बताया जाए या कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे:-
- प्रिया लिखती है।
- राधा पढ़ती है।
इन वाक्यों में प्रिया और राधा के बारें में बताया गया है। अतः ये उद्देश्य हैं।
- विधेय:- उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाए उसे विधेय कहते हैं। जैसे:-
- राधा पढ़ती है।
इस वाक्य में पढ़ती है विधेय है।
वाक्य भेद:-
(क) अर्थ के आधार पर आठ भेद हैं:-
1. विधानवाचक:- जिससे किसी बात के होने का पता चले। जैसे:-
- हम पढ़ चुके हैं।
2. निषेधवाचक:- जिन वाक्यों से कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है। जैसे:-
- मैं स्कूल नहीं गया।
3. आज्ञावाचक:- जिन वाक्यों से, प्रार्थना, आज्ञा, उपदेश आदि का ज्ञान होता है। जैसे:-
- बाजार से फल लाओ। (आज्ञा)
- बड़ों का सम्मान करो। (उपदेश )
4. प्रश्नवाचक:- जिससे किसी प्रकार का प्रश्न पूछने का ज्ञान होता है। जैसे:-
- राधा तुम कहाँ जा रही हो?
5. इच्छावाचक:- जिन वाक्यों से इच्छा, आशीष या शुभकामना आदि का ज्ञान होता है। जैसे:-
- भगवान तुम्हारा भला करे।
- कोई मेरा काम कर दो।
6. संदेहवाचक:- जिससे किसी बात का संदेह प्रकट हो। जैसे:-
- शायद बारिश होगी।
- हो सकता है आज स्कूल बंद हो।
7. विस्मयादिबोधक:- जिससे हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, दु:ख आदि का बोध हो। जैसे:-
- बाप रे बाप! इतना मोटा आदमी।
- आह! कितनी अच्छी खुशबू है।
8. संकेतवाचक:- जहाँ एक वाक्य दूसरे की संभावना पर निर्भर हो। जैसे:-
- अगर वर्षा होगी तो फसल अच्छी होगी।
(ख) रचना के आधार पर वाक्य के भेद:-
1. सरल वाक्य:- जिन वाक्यों में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं। (एक कत्र्ता + क्रिया + कर्म)
- मोहन स्कूल जाता है।
- राम किताब पढ़ रहा है।
- मीना ने भोजन कर लिया।
2. संयुक्त वाक्य:- जिन वाक्यों में दो स्वतंत्र उपवाक्य होते हैं और वे ‘और’, ‘एवं’, ‘तथा’, ‘किन्तु’, ‘या’, ‘न’, ‘चाहे’, ‘लेकिन’, ‘इसलिए’ से जुड़े हों संयुक्त वाक्य कहलाते हैं। जैसे:-
- यह लडका पढ़ा लिखा व अच्छे परिवार का है।
- तुम जाते हो या पुलिस बुलाऊँ?
3. मिश्रित वाक्य:- जिन वाकयों में एक प्रधान उपवाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हो तथा जो आपस में ‘कि’, ‘जो….वह’, ‘जितना…..उतना’, ‘जैसा………वैसा’, ‘जब……..तब’, ‘जहाँ……..वहाॅं’ आदि से मिश्रित हों , उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। इनमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएँ होती हैं। जैसे:-
- जो लड़का कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।
- ज्यों ही मैं स्टेशन पहुँचा गाड़ी चली गई।